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THIS BLOG IS ABOUT THE ANSWERS OF THE CHAPTER SUJAN BHAGAT IN FULL DETAILED.
FOR COMPLETE SUMMARY OF THIS CHAPTER PLEASE REFER OUR YOUTUBE VIDEO.
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I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए (1 MARKS QUESTIONS)
1.सीधे-सादे किसान धन आते ही किस ओर झुकते हैं?
उत्तर:सीधे-सादे किसान धन हाथ आते ही धर्म और कीर्ति की ओर झुकते हैं।
2.कानूनगो इलाके में आते तो किसके चौपाल में ठहरते?
उत्तर:कानूनगो इलाके में आते, तो सुजान महतो के चौपाल में ठहरते।
3.सुजान ने गाँव में क्या बनवाया?
उत्तर:सुजान ने गाँव में एक पक्का कुँआ बनवाया।
4.सुजान की पत्नी का नाम क्या है?
उत्तर:सुजान की पत्नी का नाम बुलाकी है।
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5.सुजान के बड़े बेटे का नाम लिखिए।
उत्तर:सुजान के बड़े बेटे का नाम भोला है।
6.सुजान के छोटे बेटे का नाम क्या है?
उत्तर:सुजान के छोटे बेटे का नाम शंकर है।
7.कौन द्वार पर आकर चिल्लाने लगा?
उत्तर:भिक्षुक द्वार पर आकर चिल्लाने लगा।
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8.बुढ़ापे में आदमी की क्या मारी जाती है?
उत्तर:बुढ़ापे में आदमी की बुद्धि मारी जाती है।
9.घर में किसका राज होता है?
उत्तर:जो कमाता है उसी का घर में राज होता है।
10.कटिया का ढेर देखकर कौन दंग रह गयी?
उत्तर:कटिया का ढेर देखकर बुलाकी दंग रह गई।
11.सुजान की गोद में सिर रखे किन्हें अकथनीय सुख मिल रहा था?
उत्तर:सुजान की गोद में सिर रखकर बैलों को अकथनीय सुख मिल रहा था।
12.भिक्षुक के गाँव का नाम लिखिए।
उत्तर:भिक्षुक के गाँव का नाम अमोला है।
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II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :(3-4 MARKS QUESTIONS)
1.सुजान महतो की संपत्ति बढ़ी तो क्या करने लगा?
उत्तर:सुजान महतो की संपत्ति बढी तो उनके चित्त की वृत्ति धर्म की ओर झुक पडी। साधु-संतों का आदर सत्कार होने लगा, द्वार पर धूनी जलने लगी। कानूनगो इलाके में आते तो सुजान की चौपाल में ठहरते। हल्के के हेड कांस्टेबल, थानेदार, शिक्षा विभाग के अफसर यहाँ तक कि बड़े-बड़े हाकिम भी उसके चौपाल में आकर ठहरने लगे। घर में भजन-भाव होता, सत्संग होता सुजानने गाँव में एक पक्का कुआ बनवा दिया इसनहर जो काम गाँव के किसी ने न किया था सुजानने कर दिखाया।
2.घर में सुजान भगत का अनादर कैसे हुआ?
उत्तर:सुजान महतो सुजान भगत बनने के बाद धार्मिक और सत्कार्य करने लगे। घर के मामलों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते थे। इसलिए घरवालों की नजरों में गिर गये। सुजान के हाथों से धीरे-धीरे अधिकार छीने जाने लगे। किस खेत में क्या बोना है, किसको क्या देना है, किससे क्या लेना है, किस भाव क्या चीज़ बिकी, ऐसी महत्वपूर्ण बातों में भी भगत जी की सलाह न ली जाती थी। उनके दोनों जवान बेटे बात-बात में उन पर फब्तियाँ कसते। उनकी पत्नी बुलाकी भी बेटों के पक्ष में थी। हद तब हो गई जब वे भिक्षुक को दान देने की स्वतंत्रता भी खो चुके। गाँव भर में सुजान का मान-सम्मान बढ़ता था और अपने घर में उसका मान सम्मान घट रहा था।
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3.सुजान भगत पेड़ के नीचे बैठ कर क्या सोचता है?
उत्तर:धीरे-धीरे उसके हाथ से सारे अधिकार छीने जाने लगे तब सुजान ने पेड का नीचे बैठकर सोचा उसेक ही घर में उसका अनादर। अभी वह अपाहिज नहीं है हाथ-पाँव थके नही है, घर का कुछ न कुछ काम वह करता ही रहता है फिर भी यह अनादार? उसीने वह घर बनाया था, सारी विभूति उसी के श्रम का फल है पर अब उस पर उसका कोई अधिकार नही। अब वह दरवाजे पर कुत्ते जैसा है, पड़ा रहता है, घरवाले जो रुखा-सूखा दे, वहीं खाकर पेट भर लिया करे। ऐसे जीवन को वह धिक्कारता है। ऐसे घर में वह रह नही सकता।
4.सुजान भगत को सबसे अधिक क्रोध बुलाकी पर क्यों आता है?
उत्तर:सुजान को सबसे अधिक क्रोध अपनी पत्नी बुलाकी पर आया। क्योंकि वह भी लड़कों का साथ देती थी। लड़कों को मालूम नही कितने परिश्रम से उसने गृहस्थी जोडी है लेकिन उसे तो मालूम है। सुजान ने दिन-को दिन और रात को रात नही समझा। इतनी कड़ी मेहनत की। भादो की अँधेरी रात में मडैया लगा के जुआर की रखवाली करता था। जठे-बैसाख की दोपहरी में भी दम न लेता था। अब उसी घर में उसे इतना भी अधिकार नही कि वह भीख तक दे सके। सुजान ने कभी न उसे मारा, ना पैसे की कमी की। बीमारी में उसे वैद्य के पास ले जाता। अब उसे अपने बेटे ही सब कुछ लगते है।
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5.चैत के महीने में खलिहानों में सतयुग के राज का वर्णन कीजिए।
उत्तर:चैत के महीने में जगह-जगह अनाज के ढेर लगते है। वही समय होता है जब किसानों की भी थोडी देर के लिए अपना जीवन सफल मालूम होता हैं। अच्छी फसल बढी देखकर, कटाई कर जब वे अनाज के ढेर को लगा देते है, तब गर्व से उनका हृदय उछलने लगता है। सुजान भी टोकरे में अनाज भर-भरकर देते और उनके दोनों लड़के वह घर में रख आते। भाट और भिक्षुक तब भीख माँगने आते। तब खलीहानों में सचमुच सतयुग का राज़ होता है।
6..सुजान भगत भिक्षुक को कैसे संतुष्ट करता है?
उत्तर:एक बार निराश होकर लोटे भिक्षुक को सुजान कहते हैं उस अनाज के ढेर से जितना अनाज उठाकर ले जा सको जाओ। भिक्षुक ने पहले 10 सेर अनाज अपने चादर में भरा लेकिन सुजान, ने इसे तो कोई बच्चा भी उठालेगा कहकर उस चादर में खुद इतना अनाज भरा कि उससे वह गठरी हिली नही। तब सुजान ने पता कराया कि वह अमोला में रहता है फिर गठरी खुद अपने सिर पर उठाकर भिक्षुक को पीछे चला। इस तरह उसने भिक्षुक को संतुष्ठ किया।
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7.सुजान भगत अपना खोया हुआ अधिकार फिर कैसे प्राप्त करता है?
उत्तर:बेटे और पत्नी से जो अनादर हुआ, उससे सुजान बहुत ही चिंतित था। उसे लगा कि अब तक जिस घर में राज किया, उसी घर में पराधीन बनकर वह नहीं रह सकता। उसे अधिकार चाहिए। वह इस घर पर दूसरों का अधिकार नहीं देख सकता। मंदिर का पुजारी बनकर नहीं रह सकता। उसी क्षण से वह कठोर परिश्रम करने लगा। रात भर बैलों का चारा काटता रहा, सुबह तक कटिया का पहाड़ खड़ा कर दिया। सवेरे ही हल लेकर खेत में पहुँचा। भोला जब किसानों के साथ हल लेकर खेत में पहुंचा तब तक सुजान आधा खेत जोत चुका था। दोपहर में भी विश्राम नहीं किया। डाँड फेंकना, अनाज बोना, खेत की सुरक्षा आदि इस प्रकार आठ महीने निरंतर परिश्रम किया। खेत ने सोना उगल दिया। बखारी में अनाज रखने की जगह न रही। इस तरह सुजान ने अपना खोया हुआ अधिकार फिर प्राप्त कर लिया।
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III. निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे?(1-2 MARKS QUESTION)
1.‘धरम के काम में मीन-मेष निकालना अच्छा नहीं।
उत्तर:यह वाक्य सुजान ने अपनी पत्नी बुलाकी से कहा।
2.‘दिन भर एक न एक खुचड़ निकालते रहते हैं।’
उत्तर:यह वाक्य भोला ने अपनी माँ बुलाकी से कहा।
3.आधी रोटी खाओ, भगवान का भजन करो और पड़े रहो।’
उत्तर:यह वाक्य बुलाकी ने अपने पति सुजान भगत से कहा।
4.‘क्रोधी तो सदा के हैं। अब किसी की सुनेंगे थोड़े ही।’
उत्तर:यह वाक्य बुलाकी ने अपने बेटे भोला से कहा।
5.‘बाबा, इतना मुझसे उठ न सकेगा।’
उत्तर:यह वाक्य भिक्षुक ने सुजान भगत से कहा।
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6.‘आदमी को चाहिए कि जैसा समय देखे वैसा काम करे।’
उत्तर:यह वाक्य बुलाकी ने सुजान से कहा।
IV. ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए :(3-4 MARKS QUESTION)
1.'भगवान की इच्छा होगी, तो फिर रुपये हो जायेंगे। उनके यहाँ किस बात की कमी है?’
उत्तर:प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘सुजान भगत’ नामक कहानी से लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।
संदर्भ : प्रस्तुत वाक्य को सुजान भगत ने बुलाकी से कहा कि ईश्वर के यहाँ किस बात की कमी है।
स्पष्टीकरण : एक बार जब गया के यात्री गाँव में आकर ठहरे, तो सुजान के यहाँ उनका भोजन बना। सुजान के मन में भी गया जाने की बहुत दिनों से इच्छा थी। यह अवसर देखकर वह भी चलने को तैयार हो गया। लेकिन बुलाकी ने कहा की अगले साल देखेंगे, हाथ खाली हो जाएगा। तब सुजान ने अगले साल क्या होगा, कौन जानता है, धर्म के काम को टालना नहीं चाहिए, ऐसा कहते हुए इस वाक्य को कहा।
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2.‘अभी ऐसे बूढ़े नहीं हो गए कि कोई काम ही न कर सकें।
उत्तर:प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘सुजान भगत’ नामक कहानी से लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।
संदर्भ : प्रस्तुत वाक्य को भोला अपने पिता के बारे में अपनी माँ बुलाकी से कहता है।
स्पष्टीकरण : एक दिन बुलाकी ओखली में दाल छाँट रही थी। एक भिखमँगा द्वार पर आकर चिल्लाने लगता है। भोला माँ से उसे कुछ देने के लिए कहता है, तो बुलाकी पूछती है कि तुम्हारे पिताजी क्या कर रहे हैं, तो व्यंग्य से भोला कहता है कि दिन भर एक न एक खुचड़ निकालते रहते हैं, सारा दिन पूजा-पाठ में ही निकल जाता है और अभी ऐसे बूढ़े नहीं हुए। इससे हमें पता चलता है कि सुजान का अनादर घर में कैसे होता रहा।
3.‘आदमी को चाहिए कि जैसा समय देखे वैसा काम करे।
उत्तर:प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘सुजान भगत’ नामक कहानी से लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं
संदर्भ : प्रस्तुत वाक्य को बुलाकी अपने पति सुजान भगत से कहती है।
स्पष्टीकरण : सुजान महतो सुजान भगत बने, तो घर में उनका राज समाप्त हो गया। महत्वपूर्ण निर्णय माँ और बेटे ही लेते थे। जब द्वार पर चिल्ला रहे भिक्षुक को एक सेर अनाज तक दान देने की स्वतंत्रता सुजान खो देता है, उसे बड़ा दुःख हुआ। सबसे ज्यादा गुस्सा उसे अपनी पत्नी बुलाकी पर आया क्योंकि वह जानती थी कि कितनी मेहनत से उन्होंने इस घर को बनाया है। वे उदास होकर पेड़ के नीचे बैठकर सोचते रहते हैं, तब उनकी पत्नी आकर समझाने का प्रयत्न करती है कि घर में कमानेवाले का राज होता है। अब हम दोनों का निबाह इसी में है कि नाम के मालिक बने रहें और वही करें जो लड़कों को अच्छा लगे। आदमी को चाहिए कि जैसा समय होता है वैसा काम करे। इसी से जीवन सुगम होता है।
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4.‘अब तक जिस घर में राज्य किया, उसी घर में पराधीन बनकर नहीं रह सकता।’
उत्तर:प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘सुजान भगत’ नामक कहानी से लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।
संदर्भ : प्रस्तुत वाक्य को सुजान भगत जब अपने ही घर में वह अपने आपको तिरस्कृत होता हुआ देखकर अपनी पत्नी बुलाकी से कहता है।
स्पष्टीकरण : जब सुजान भगत को पत्नी और पुत्रों से कुछ-न-कुछ सुनना पड़ता है, तो वह परेशान हो जाता है और अपनी पत्नी से कहता है कि एक समय था कि इस घर में मेरा ही राज था, पर आज मैं पराधीन हो गया हूँ। इस प्रकार वह अपनी मजबूरी बताता है।
5.‘अच्छा, तुम्हारे सामने यह ढेर है। इसमें से जितना अनाज उठाकर ले जा सको, ले जाओ।’
उत्तर:प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘सुजान भगत’ नामक कहानी से लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।
संदर्भ : सुजान भगत अपने द्वार पर आये हुए भिक्षुक से यह वाक्य कहता है।
स्पष्टीकरण : चैत का महीना था। हर जगह अनाज के ढेर लगे थे। किसानों को अपना जीवन सफल लगता है। सुजान भगत टोकरे में अनाज भर देता था और उसके दोनों लड़के टोकरे लेकर घर में अनाज रख आते थे। कई भिक्षुक भगतजी को घेरे हुए थे। उनमें आठ महीने पहले भगत के द्वार से निराश लौटकर गया हुआ भिक्षुक भी था। भगत ने उस भिक्षुक से पूछा कि क्यों बाबा आज कहाँ चक्कर लगाकर आये? तब भिक्षुक ने कहा कि अभी तो कहीं नहीं गया भगतजी, पहले तुम्हारे पास आया हूँ। तब सुजान भगत ने उस भिक्षुक से कहा कि “अच्छा, तुम्हारे सामने यह ढेर है। इसमें से जितना अनाज उठाकर ले जा सको, ले जाओ।”
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V. वाक्य शुद्ध कीजिए :(1 MARK QUESTION)
1.सुजान एक पक्का कुँआ बनवाया।
उत्तर:सुजान ने एक पक्का कुँआ बनवाया।
2.प्रातः काल स्त्री और पुरुष ‘गया’ चला गया।
उत्तर:प्रातःकाल स्त्री और पुरुष ‘गया’ चले गए।
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3.मुझसे कल बहुत बड़ा भूल हुआ।
उत्तर:मुझसे कल बहुत बड़ी भूल हुई।
4.उसके हाथ काँप रही थी।
उत्तर:उसके हाथ काँप रहे थे।
5.सब यही कहेंगे कि भिक्षुक कितनी लोभी है।
उत्तर:सब यही कहेंगे कि भिक्षुक कितना लोभी है।
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VI. कोष्टक में दिए गए कारक चिह्नों से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए : (ने, से, की, का, को) (1 MARK QUESTION)
1.चैत …………. महीना था।
उत्तर:का
2.जो खर्च करता है, उसी …………… देता है।
उत्तर:को
3.अब इन व्यापारों ………….. उसे घृणा होती थी।
उत्तर:से
4.भिक्षुक …………. भोला की ओर संदिग्ध नेत्रों से देखा।
उत्तर:ने
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5.तुम्हारे बेटों ………… तो कमाई है।
उत्तर:की
VII. निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए (1 MARK QUESTION)
1.सुजान के खेत में कंचन बरसता है। (भविष्यत्काल में बदलिए)
उत्तर:सुजान के खेत में कंचन बरसेगा।
2.सुजान के मन में तीर्थ यात्रा करने की इच्छा थी। (वर्तमान काल में बदलिए)
उत्तर:सुजान के मन में तीर्थयात्रा करने की इच्छा है।
3.शंकर गाड़ी में नारियल भर कर लाता है। (भूतकाल में बदलिए)
उत्तर:शंकर गाड़ी में नारियल भर कर लाता था।
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VIII. अन्य लिंग रूप लिखिए (1 MARK QUESTION)
भिखारी, पुजारी, आदमी, पिता, विद्वान, साधु, भगवान, स्त्री।
- भिखारी – भिखारिन
- पुजारी – पुजारिन
- आदमी – औरत
- पिता – माता
- विद्वान – विदुषी
- साधु – साध्वी
- भगवान – भगवती
- स्त्री – पुरुष
IX. अन्य वचन रूप लिखिए (1 MARK QUESTION)
घर, बात, अभिलाषा, लड़का, रोटी, भिक्षुक, महीना, टीका।
- घर – घर
- बात – बातें
- अभिलाषा – अभिलाषाएँ
- लड़का – लड़के
- रोटी – रोटियाँ
- भिक्षुक – भिक्षुक
- महीना – महीने
- टीका – टीकाएँ
X. विलोम शब्द लिखिए (1 MARK QUESTION)
मुरझाना, जीवन, सुख, आशा, भलाई, सुंदर, मुश्किल।
- मुरझाना × खिलना
- जीवन × मृत्यु
- सुख × दुःख
- आशा × निराशा
- भलाई × बुराई
- सुंदर × कुरूप
- मुश्किल × आसान
XI. लिंग पहचानिए (1 MARK QUESTION)
नम्रता, द्वार, इच्छा, बात, गुड़, कमाई, ढोलक, मजूरी, दूध, घी, चिंता, चारपाई, पानी, रोटी, अनाज, भोजन, धन, आँख, रूपया, फसल।
- पुल्लिंग शब्द : द्वार, गुड़, दूध, घी, पानी, अनाज, भोजन, धन, रूपया।
- स्त्रीलिंग शब्द : नम्रता, इच्छा, बात, कमाई, ढोलक, मजूरी, चिंता, चारपाई, रोटी, आँख, फसल।
Hello sir.. Can u plz upload other chapters notess too
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